लक्ष्मी पूजन का समय और भ्रम

वस्तुतः मुहूर्त आपको वाध्य नहीं करते हैं अपितु आपको आपकी सुविधा के अनुसार पूजन हेतु मार्ग प्रशस्त करते हैं। इसीलिए भ्रम और दुनिया का त्याग करते हुए अशंशय रूप से पूर्ण आनंद व उत्साह की साथ दीपावली के उत्सव पर महालक्ष्मी पूजन सपरिवार संपन्न करें। और दूसरी बात कि शुभ मुहूर्त में महालक्ष्मी पूजन आदि - मध्य व अंत का पूर्ण होना चाहिए, यह कोई आवश्यक नहीं है की सम्पूर्ण कार्यक्रम ही संपन्न हो। यदि पूजा का कुछ अंश छूट भी जाए तो कोई दोष नहीं होता है। बल्कि महत्वपूर्ण ये होता है कि मुहूर्त समय में कार्यक्रम शुरू होना आवश्यक है।
मैं आपको यहाँ पर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिलान्यास का उदाहरण देकर समझने की कोशिश करता हूँ, शिलान्यास का मुहूर्त मात्रा १२ मिनट का था लेकिन पूजन विधि तो क़रीब - क़रीब २:३० घंटे तक चली थी। इसका मतलब ये हुआ की शिलान्यास का शुरूआत विदित समय में हो गई थी और पूजन कार्यक्रम यथावत संपन्न किया गया था।
महालक्ष्मी पूजन के शुभ मुहूर्त
प्रातः
१) ६:३५ बजे से ७:५० बजे तक
२) ९:१५ बजे से १०:२५ बजे तक
३) ११:३५ बजे से १२:४० बजे तक
दोपहर
४) १२:४९ बजे से लेकर सांय ७:१५ बजे तक
रात्रि
५) ९:४३ बजे से लकर ११:०७ बजे तक
६) १:१० बजे से लेकर ३:४७ बजे प्रातः तक
कलिपय क्षेत्रों में और गृहस्थ लोगों हेतु घर में सांयकालीन समय उपयुक्त रहेगा, लक्ष्मी पूजन हेतु विशेष मुहूर्त समय सारिणी:
प्रातः - तुला लग्न (व्यावसायिक करमों, इंडस्ट्रीयल क्षेत्रों में प्रसिद्ध मुहूर्त) सुबह ६:११ बजे से लेकर ८:३३ बजे तक और १०:३० बजे से लेकर दोपहर १२:४३ बजे तक।
दोपहर - २:३३ बजे से लेकर ४:३३ बजे पर्यंत।
सांय - ७:०५ बजे से लेकर ९:०७ बजे पर्यंत।
रात्रि - (सिंह लग्न) सर्वसिद्धि मुहूर्त - रात्रि १ बजकर २१ मिनट से लेकर ३ बजकर ३६ मिनट तक।